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सीनियर डिप्लोमा (IV Year) - कत्थक (शास्त्र पाठ्यक्रम )
1. परिभाषिक शब्दों का पूर्ण ज्ञान - मुद्रा, निकास, स्थानक, अदा, घुमरिया, अंचित, कुंचित, रस, भाव, अनुभाव, भंगिभेद, तैयारी, अभिनय, पिन्डी, प्रमलू, स्तुति, विश्रिप्त, हस्तक, कसक, मसक, कटाक्ष, नाज, अन्दाज।
2. भातखंडे तथा विष्णु दिगम्बर ताललिपि पद्धतियों का पूर्ण ज्ञान तथा दोनों की तुलना।
3. भारत के शास्त्रीय नृत्य - कत्थक, कत्थकली, मणिपुरी, भरत नाट्यम का परिचयात्मक अध्ययन और इनकी तुलना।
4. निम्नलिखित विषयों का पूर्ण ज्ञान- संयुक्त और असंयुक्त मुद्रायें, नृत्य में भाव का महत्व, प्रचलित गत भावों के कथानकों का अध्ययन, नृत्य से लाभ, आधुनिक नृत्यों की विशेषताएँ।
5. पिछले तथा इस वर्ष के समस्त तालों के ठेके तत्कार, बोल आदि को विष्णु दिगम्बर तथा भातखंडे ताललिपियों में विभिन्न लयों में लिखने की क्षमता। ताल के दस प्राणों का ज्ञान।
6. व्याख्या - वर्ण, आरोह, अवरोह, अलंकार, थाट, राग, सुरावर्त (स्वरमालिका), लयकारी, लय तथा लयकारी का भेद।
7. बिलावल, यमन तथा भैरवी का पूर्ण परिचय और इनमें सरल गीत गाने की क्षमता।
8. रूपक, आड़ा चारताल, दीपचन्दी, धुमाली तथा पंचम सवारी का पूर्ण ज्ञान।
9. वर्तमान समय के किन्हीं दो प्रसिद्ध कत्थक नृत्यकारों का परिचय तथा उनकी नृत्यशैलियों का तुलनात्मक अध्ययन।
10. संगीत तथा नृत्य संबंधी विषयों पर लेख लिखने का अभ्यास।