सिलेबस : सांगीत विनीत (मध्यमा पूर्व) महागुजरात गन्धर्व संगीत समिति

Courses Subject: 

महागुजरात गाांधर्व सांगीत सममतत
गायन और र्ादन का अभ्यासक्रम
सांगीत वर्नीत (मध्यमा पूर्व)
क्रक्रयात्मक - 300 अांक, लेखित – 100 अांक, कुल अांक– 400.
समय: - 1 साल (100 से 120 घांटे का प्रमिक्षर्) परीक्षा समय: - 20 ममतनट.
क्रक्रयात्मक - 300 अांक : -
1) राग – 8, जयजयवंती, दरबारीकानडा, अड़ाना, काल ंगड़ा, पूररयाधनाश्री, सोहिनी, शंकरा, कामोद.
2) राग बागेश्री, बबिाग, दरबारीकानडा, भैरव (कोई भी 3) – इन रागो में बड़ा ख्या , छोटाख्या .
ऊपर हदये िुए रागो में से कोई भी 3 राग में मुक्त आ ाप, बो आ ाप, बो तान, तान के साथ 15 से 20 लमननट स्वतंत्र प्रस्तुनत की क्षमता.
3) ऊपर हदये िुए रागो में से कोई भी 1 राग में धमार – ठाय और दुगुन के साथ, 1 राग में ध्रुपद दुगुन – नतगुण – चौगुण गाने की क्षमता और नोम तोम आ ाप सीखाना और प्रस्तुनत करने की क्षमता.
4) ऊपर हदये िरेक रागो में 1 – 1 मध्य य की बंहदश करना. तीनता के अ ावा झपता और द्रुत एकता में भी बंहदश करना और उसमें सामान्य फिरत करना.
5) गायन प्रस्तुनत में मौमलक आ ापतान पर ज्यादा ध्यान देना. आ ापचारीमें मींड़ – कण – स्पशश स्वर को िरेक रागदारी में करने की क्षमता और उस पर ज्यादा ध्यान हदया जाएगा.
6) ऊपर हदये िुए रागो में से कोई भी 1 राग में तराना.
लेखित – 100 अांक (क्रक्रयात्मक िास्त्र 50 अांक)
1) अभी तक के अभ्यासक्रम में सीखे सभी रागो की पूणश जानकारी और तु नात्मक अभ्यास.
2) झपता – द्रुत एकता की बंहदश ल पपबद्ध करने की क्षमता.
3) स्वरसमूि से राग पिचानना और उसके शास्त्र की जानकारी.
4) मुक्त आ ाप और तान ननश्चचत मात्रा में ल खने की क्षमता.
5) पं. भातखण्डे ल पप का ज्ञान.
6) सू ता – रूपक – नत वाड़ा ता का ज्ञान.
7) अभी तक के अभ्यासक्रम के सभी ता ल पपबद्ध करनेकी क्षमता और दुगुन में ल खने की क्षमता.
सैद्ाांततक िास्त्र (50 अांक)
1) अभी तक सीखे सभी पाररभापिक शब्दों की व्याख्या और श्रुनत – सप्तक – च न – नाद की व्याख्या.
2) ध्वनन, ध्वनन की उत्पनत कंपन, आंदो न, आंदो न संख्या, नाद की ऊंचाई – नीचाई का आंदो न के साथ संबन्थ की जानकारी.
3) संवाद स्वर – अभ्यासक्रम के आने वा े स्वरों के संवाद यानन की िडज – मध्यम भाव, िडज – पंचम भाव की जानकारी.
4) प्रबंध की जानकारी – बड़ा ख्या – धमार – ध्रुपद – ठुमरी – टप्पा – बत्रवट – तराना – चतरंग – गज .
5) जीर्न चररर और कायव : - 1) पं. भीमसेन जोशी 2) पं. फकशन मिाराज 3) उस्ताद फ़ैयाज़ खााँ 4) उस्ताद अल् ाउहदन खााँ.
6) ग्वाल यर घराने की जानकारी.
7) सांक्षक्षप्त पररचय : –
1) मेरा पप्रय क ाकार 2) मुझे संगीत क्यूाँ अच्छा गता िै. 3) स्कू में संगीत का लशक्षण.

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