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राग भीमपलास और भीमपलास पर आधारित गीत
Submitted by raagparichay on 5 May 2022 - 11:58am
यह राग काफी थाट से निकलता है। आरोह में ः?रे"' और ः?ध"' नहीं लगता और अवरोह में सब स्वर लगते हैं, इसलिये इस की जाति औडव-सम्पूर्ण मानी जाती है। इसमें ः?ग"' और ः?नी"' कोमल लगते हैं। वादी स्वर ः?म"' और सम्वादी स्वर ः?स"' माना जाता है।
गाने-बजाने का समय दिन का तीसरा प्रहर है।
आरोह--ड, स, ज्ञ, म प ड सं।
अवरोह--सं, ड, ध प, म ज्ञ रे स।
पकड़--ड स म, म ज्ञ, प म, ज्ञ म ज्ञ रे स।
राग:
Vote:
थाट:
राग परिचय
कैराना का किराना घराने से नाता |
गुरु-शिष्य परम्परा |
रागदारी: शास्त्रीय संगीत में घरानों का मतलब |
मेवाती घराने की पहचान हैं पंडित जसराज |
जब हॉलैंड के राजमहल में गूंजे थे पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी से राग जोग के सुर |
35 हज़ार साल पुरानी बांसुरी मिली |
सुरमयी दुनिया का 'सुर-असुर' संग्राम |