गैर नृत्य

राजस्थान और गुजरात के ग्रामीण अंचलों में होली के त्यौहार पर किया जाने वाला समूह नृत्य, प्रमुखतः जिसमें पुरुष नर्तक हाथों में लंबे डंडे थाम कर लोक वाद्यों की ताल पर नाचते हैं। 

गैर नृत्य राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में किया जाता है। पाली के ग्रामीण इलाकों में फाल्गुन लगते ही गैर नृत्य शुरू हो जाता है। वहीं यह नृत्य 'डंका पंचमी' से भी शुरू होता है। फाल्गुन के पूरे महीने रात में चौहटों पर ढोल और चंग की थाप पर यह नृत्य किया जाता है।

 

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जनजातीय और लोक संगीत

जनजातीय और लोक संगीत

जनजातीय और लोक संगीत उस तरीके से नहीं सिखाया जाता है जिस तरीके से भारतीय शास्‍त्रीय संगीत सिखाया जाता है । प्रशिक्षण की कोई औपचारिक अवधि नहीं है। छात्र अपना पूरा जीवन संगीत सीखने में अर्पित करने में समर्थ होते हैं । ग्रामीण जीवन का अर्थशास्‍त्र इस प्रकार की बात के लिए अनुमति नहीं देता । संगीत अभ्‍यासकर्ताओं को शिकार करने, कृषि अथवा अपने चुने हुए किसी भी प्रकार का जीविका उपार्जन कार्य करने की इजाजत है। Read More : जनजातीय और लोक संगीत about जनजातीय और लोक संगीत

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